Rajiv Gandhi Birthday : आज देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी का जन्मदिन है| वे इंदिरा गांधी की हत्या के बाद साल 1984 में देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री बने| उन्होंने अपने कार्यों से सभी के दिलों पर ऐसी छाप छोड़ी की वो सालों बाद भी धूमिल नहीं हुई| उनकी अमिट छाप केवल एक ही कार्यकाल के कारण सभी के मन पर पड़ी| 21 मई को लिट्टे उग्रवादियों ने उनकी जान ले ली थी|
Rajiv Gandhi Birthday आज उनके जन्मदिन पर जानते हैं उनकी कुछ अमिट उपलब्धियां –
जब भारत आज़ाद हुआ तब राजीव गांधी केवल 3 साल के थे| राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को मुंबई में हुआ| उस समय राजीव गांधी के नाना यानी जवाहर लाल नेहरू आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री बने|
वोट करने की आयु 21 से घटाकर 18
राजीव गांधी ने ही वोट करने की आयु सीमा 21 वर्ष से 18 वर्ष कर दी थी| 1989 में संविधान के 61वें संशोधन के जरिए वोट देने की आयु सीमा 21 से घटाकर 18 वर्ष कर दी गई|
कंप्यूटर क्रांति
भारत में कंप्यूटर क्रांति लाने का श्रेय राजीव गांधी को ही दिया जाता है| राजीव गांधी का मानना था कि विज्ञान और तकनीक की मदद के बिना उद्योगों का विकास नहीं हो सकता| उन्होंने ना सिर्फ कंप्यूटर को भारत के घरों तक पहुंचाया बल्कि भारत में इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा भी दिया|उस समय कंप्यूटर बहुत ज्यादा महंगे होते थे इसलिए सरकार ने कंप्यूटर को अपने कंट्रोल से हटाकर पूरी तरह ऐसेंबल किए हुए कंप्यूटर्स का आयात शुरू किया, जिसमें मदरबोर्ड और प्रोसेसर थे| कंप्यूटर लोगों के घरों तक आसनी से पहुँच जाए इसीलिए सरकार ने आयात शुल्क घटाई| ये सभी राजीव गाँधी के कार्यकाल में ही किया गया था|
राजीव गाँधी ने ही रखी नवोदय विद्यालयों की नींव
नवोदय विद्यालयों की नींव भी राजीव गांधी ने ही रखी थी| उनके ही कार्यकाल में ही जवाहर नवोदय विद्यालयों की स्थापना की शुरुआत हुई|
दूरसंचार क्रांति की शुरुआत
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी के ही कार्यकाल में दूरसंचार क्रांति की भी शुरुआत हुई| राजीव गांधी की पहल पर ही अगस्त 1984 में भारतीय दूरसंचार नेटवर्क की स्थापना के लिए सेंटर फॉर डिवेलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स की स्थापना हुई| उस समय जगह-जगह पीसीओ खोले गए| 1986 में राजीव की पहल से ही एमटीएनएल की स्थापना की गई थी|
पंचायतीराज व्यवस्था की नींव
पंचायतीराज व्यवस्था की नींव रखने का श्रेय भी राजीव गाँधी को ही दिया जाता है| राजीव गांधी का कहना था कि जब तक पंचायती राज व्यवस्था मजबूत नहीं होगी, तब तक निचले स्तर तक लोकतंत्र नहीं पहुंच सकता| 21 मई 1991 को हुई हत्या के एक साल बाद राजीव गांधी की सोच को तब साकार किया गया|
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